FARZI BIKANER WALA | Thug | Real Story



27.12,2021 दिन सोमवार

आजी वही रोज़मरा की तरह काम पर निकल गए घर से, बिना किसी पूजा पाठ के,  वेसे मेरी ड्यूटी टाइमिंग दोपहर की रहती थी, 

उस दिन मेरे को ड्यूटी पर सुबह जाना था, 


तो फिर क्या हम गए सुबाह ड्यूटी, इन दिनों में, मुझे किसी ने बताया, की मैं जहां पर हूं वहां पर उनके टाइम मैं स्टोर सेल का लक्ष्य आराम से हासिल कर लिया था, फिर क्या आपको पता है की (मुखबीर नंबर 1) यानी की में कभी किसी चैलेंज से नहीं डरता! 



शुरू हुआ था दिसंबर माहे की शुरवती दिनो से मीटर अच्छी तरह खिच के ले गया 27 दिसंबर तक, यान्हा तक आने के बाद पिक्चर पूरी क्लियर थी, की मेरा मतलब स्टोर का बिक्री लक्ष्य अब आराम से पूरा हो जाएगा


पर 27.12,2021 दिन सोमवार (लिखते हुए महसूस हो रहा है जैसी FIR कर रहा हूं) 


तो सुबह का दूसरा ग्राहक ने, हमारे स्टोर में प्रवेश किया, समय यही कुछ सुबह के 9 बजे, काफ़ी सज्जन पुरुष लग रहे थे,

लग क्या रेहे थे जी बीकानेर वाले मालिक थे, जैसा किस पुरुष ने हमें बताया ! 



अगर आप दुकान खोले या आप के पास एक बड़िया सा बड़ा ऑर्डर आ जाए, शायद आप भी उत्साहित हो जाएंगे, ठीक वैसा ही जज्बात कुछ मेरे अंदर जन्म ले चुके थे! 


(FARZI BIKANER WALA) बड़े साहब ने आदेश देना शुरू किया, मुझे आज भी याद है पुरा ऑर्डर ,खैर मुझे याद रहे गा ही


ऑर्डर कुछ इस तरह था:- 



100 किलो आटा, 8 किलो बादाम, 8 किलो काजू, 8 किलो अखरोत, 35 लीटर देसी घी भी और बहुत कुछ......


मेरे साथ में उस समय जितने भी लोग थे, सब मेरे से पहले ही तय्यिर थे, एक अछि कस्टमर सर्विस का मॉडल बनाने के लिए, और लोगों ने भरोसा जताते हुए बताया कि सज्जन पुरुष लग रहा है फिर तो हमने उसका सारा आर्डर रेडी करना शुरू कर दिया, माफ़ कीजिये बताना भूल गया की ऐसी जगह पर सिक्योरिटी गार्ड भी तनैत रहते है, पर इससे वाक्य बनना था तो कोई रोक नहीं सकता था, 


मानो कि हम सब हलाकि मैं खुद सब कुछ भूल चूका था, ऐसा कुछ भी पहले कभी नहीं हुआ था मेरे साथ जो होने जा रहा था, 


आर्डर का सम्मान काफी था , तो उस व्यक्ति विशेष (FARZI BIKANER WALA) ने बोला की आप साथ साथ इसे पैक करवाना शुरू कर दीजिये, और मेरे स्टाफ का एक लड़का एटीएम से पैसे निकलवाने गया है, आप सामान तयार कीजिये मैं उसके आते ही पेमेंट करता हूँ


हमने उसके बिल की आइटम्स को जंहा तक स्कैन किया, वंहा तक उसके बिल की अमाउंट 57000 हो चली थी, और में टारगेट के लालच म बहुत खुश था, स्टाफ की कमी के आभाव से में भी उनके साथ शिरकत करने लगा, 


फिर उस व्यक्ति ने बोला कि मेरे सम्मान रfखवाना शुरू कर दीजिये, ताकि मेरे आर्डर सुबह से ही तैयार होना शुरू हो जाये, तब तक तो मेरे दिमाग पूरा माइंड वाश हो चूका था, पूरा अँधा विश्वाश किये , ख़ुशी ख़ुशी उसका सामान उसकी दुकान तक पहुंचने लगे, 



पहले चक्कर म उसने हमारे से देसी घी और......





to be continued..... 

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